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फ्लाइट 143: खौफनाक पल साहस, संघर्ष और सफलता की प्रेरणादायक कहानी

फ्लाइट 143: खौफनाक पल साहस, संघर्ष और सफलता की प्रेरणादायक कहानी
पुस्तक का शीर्षक और विवरण

"फ्लाइट 143: खौफनाक पल" अवनीश कुमार अहिरवार द्वारा लिखी गई एक साहसिक कथा है, जिसमें एक युवा लड़के की अद्भुत यात्रा को दर्शाया गया है। यह कहानी उसके संघर्ष, साहसिक अनुभवों, और अंततः उसकी सफलता की कहानी है। उपन्यास उन खौफनाक पलों को उजागर करता है जब वह अपने साहस और दृढ़ संकल्प से विमान को सुरक्षित मंजिल तक ले जाता है।

पुस्तक की शैली

यह पुस्तक साहसिक कथा (Adventure Fiction) शैली में लिखी गई है। इसमें साहस, संघर्ष, और सफलता जैसे तत्व कहानी को रोमांचक और प्रेरणादायक बनाते हैं। रोमांचक कथानक पाठकों को अंत तक बांधे रखने का वादा करता है।

संस्करण और प्रकाशक

"फ्लाइट 143: खौफनाक पल" का पहला संस्करण 2024 में प्रकाशित हुआ है। इसे ऑथर्स क्लिक पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित किया गया है, जो नई और प्रतिभाशाली लेखकों के लिए एक प्रसिद्ध प्रकाशन है।
आईएसबीएन और मूल भाषा

इस पुस्तक का आईएसबीएन नंबर 9788119368068 है। यह उपन्यास मूल रूप से हिंदी भाषा में लिखा गया है, जिससे यह हिंदी पाठकों के लिए और भी अधिक प्रासंगिक और सुलभ बनता है।

रिलीज़ डेट

यह पुस्तक 4 जुलाई 2024 को रिलीज़ हुई थी। अपनी रिलीज़ के बाद से, यह साहसिक और रोमांचक उपन्यासों के प्रेमियों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

पुस्तक का सारांश

कहानी एक युवा लड़के के अदम्य साहस और संघर्ष पर केंद्रित है। एक चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में, वह लड़का विमान को सुरक्षित रूप से उसकी मंजिल तक पहुंचाता है। कहानी में डर, संघर्ष, और अदम्य साहस का बेहतरीन मिश्रण है। यह केवल एक रोमांचक यात्रा नहीं है, बल्कि यह सिखाती है कि किसी भी मुश्किल परिस्थिति में धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ कैसे सफल हुआ जा सकता है।

लेखक का परिचय - अवनीश अहिरवार

नाम और शिक्षाः लेखक का पूरा नाम अवनीश कुमार अहिरवार है। उन्होंने अपनी शिक्षा गवर्नमेंट एमवीएम कॉलेज, भोपाल से प्राप्त की है। शिक्षा के दौरान ही उन्होंने साहित्य के प्रति अपने रुझान और लेखन की गहरी रुचि को पहचाना।

भाषाएँ: अवनीश हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में निपुण हैं। उनकी यह बहुभाषीय क्षमता उन्हें व्यापक पाठक वर्ग तक अपनी रचनाएँ पहुँचाने में सहायक बनाती है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि
अवनीश के माता-पिता डॉ. मानसिंह अहिरवार और गीता अहिरवार हैं। उन्होंने अपनी लेखन यात्रा में अपने माता- पिता से मिले समर्थन और प्रेरणा को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना है। पारिवारिक मूल्यों और उनकी प्रेरणा ने अवनीश को इस उपन्यास को लिखने के लिए प्रोत्साहित किया।

क्यों पढ़ें यह पुस्तक?

1. यह रोमांच और प्रेरणा का बेहतरीन मिश्रण है।

2. इसमें संघर्ष और साहस की वास्तविकता को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

3. यह हर पाठक को मुश्किल परिस्थितियों में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा देती है।

पुस्तक खरीदने का तरीका

"फ्लाइट 143: खौफनाक पल" को अमेज़न, फ्लिपकार्ट, और अन्य प्रमुख प्लेटफार्मों पर ई-बुक और पेपरबैक संस्करण में खरीदा जा सकता है। यह उपन्यास केवल एक मनोरंजक कहानी नहीं है, बल्कि यह जीवन के कठिन क्षणों में हिम्मत और दृढ़ संकल्प के महत्व को भी रेखांकित करता है।